'अशांत' शेखर
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5 Jun 2022 10:48 PM
आपका बहोत बहोत हार्दिक आभार।मैं आपके कलम का कायल हूँ ताज भाई।
5 Jun 2022 11:29 PM
जी नहीं साहब। आप जैसे अल्फाज़ और अंदाज़ हमारा कहां है। लेकिन अप सबको पढ़कर थोडा बहुत सीख लेता हूं। खुदा आपके कलम में और रवानी दे ये हमारी दुआ है।
वाह वाह बहुत खूबसूरत लिखा है आपने। अकल्पनीय अतुलनीय अद्वितीय। बहुत ही सुन्दर रचना। जितनी तारीफ करूं कम होगी।