Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2022 01:07 PM

Sir बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ है और हर पंक्ति अपने आपमें मैन की गहराइयों को समेटे हुए है
।लोग पिता को सहज ही समझते हैं लेकिन यथार्थ ये है कि एक माँ बच्चे को नौ माह गर्भ धारण करके पालन पोषण करती है
जबकि पिता आजीवन अपने बच्चों को जीवन पर्यन्त मस्तिष्क में प्रति पल पालन पोषण करता है।चंद शब्दों में पिता का शब्द का व्याख्यान मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा है।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...