Ram Krishan Rastogi
Author
20 May 2022 05:50 PM
धन्यवाद जी
बहुत सुंदर कविता,पर प्रकृति मनुष्य के अनुसार नही चलती है। मनुष्य के कारण ही प्राकृतिक सिस्टम गड़बड़ हो गया है।