माफ कीजियेगा, पर आपकी कविता तो योग्य है फिर इसे जनमानस तक पहुचने से रोक कर इसके साथ अन्याय करने को क्यों आतुर है।
माफ कीजियेगा, पर आपकी कविता तो योग्य है फिर इसे जनमानस तक पहुचने से रोक कर इसके साथ अन्याय करने को क्यों आतुर है।