आपकी और भी रचनाएँ पढ़ा हूँ भैया (क्षमा कीजिएगा, यहाँ पर भैया ही कहूँगा। ‘सर’ से, थोड़ी दूरी का बोध होता है।) सब एक से बढ़कर एक। और यह वाली तो अभिनंदनीय???????
वोट किया, 52 होना चाहिये था, लेकिन किसी और ने भी शायद वोट किया है, तो 53 दिखा रहा है। अभिवादन???
आपकी और भी रचनाएँ पढ़ा हूँ भैया (क्षमा कीजिएगा, यहाँ पर भैया ही कहूँगा। ‘सर’ से, थोड़ी दूरी का बोध होता है।) सब एक से बढ़कर एक। और यह वाली तो अभिनंदनीय???????
वोट किया, 52 होना चाहिये था, लेकिन किसी और ने भी शायद वोट किया है, तो 53 दिखा रहा है। अभिवादन???