Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

बहुत खूब ! हमेशा पत्नियों पर ही लिखोगे या कभी हठीले पतियों पर भी कुछ फरमाओ भाई साहब !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
25 Mar 2022 12:06 PM

अब आपने आदेश दिया है तो अब हठीले पतियो पर भी लिख देते है। वैसे पतियों पर भी लिख चुका हूं। जैसे ,
तुम सारे दिन सोते रहते हो,कुंभकर्ण की तरह प्रिय,
मै सारे दिन घर का काम करती हू,फिर भी न थकती प्रिय।

Loading...