Dr. Kishan Karigar
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25 Sep 2021 09:35 AM
दादा भाई रा आपनादेर आशीर्वादे. आमी .लिखेची जाइ होख किंतु…लिखबो
आपनी किंतू भालो हिंदी ट्रांसलेट कोरेचेन…
बिष्टी पोरचे… माने… बारीश हो रही है…..
भावते.. समझ नहीं पा रहा…
सहाजो.. मदद नहीं कर रहे.
25 Sep 2021 03:21 PM
ok
Dr. Kishan Karigar
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25 Sep 2021 03:27 PM
आपनी आमार बांगला लेखा हिंदी ट्रांसलेट कोरते पारबेन..धोनोबाद जानाई..
*****अंधे लोग**** अंधे लोग / बिष्टी भीग रही है / वह कहाँ नहीं सोच सकता? / आप सब देख रहे हैं / लेकिन आसान नहीं? / मेरी कोई आँख नहीं है / मैं एक अंधा आदमी हूँ / आपके पास आंखें हैं / क्या तुम नहीं देख सकते? / लोग अपने स्वार्थ के लिए अंधे हैं / लोग लोगों को नहीं देखना चाहते हैं? / मदद की बहुत जरूरत पड़ेगी / लेकिन लोग इसे आसान नहीं बनाना चाहते हैं? / देखिए, लोग लोगों को भूल गए हैं / पैसे के लिए सब अंधे हैं? / किसान कहते हैं खुद सोचो / हम मानवीय कहानियों को भूलने के लिए अंधे क्यों हैं? / कवि- डॉ कृष्ण कुमार रॉय / khob bhalo kovita likhe tumi….