श्रीहर्ष आचार्य
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20 Sep 2021 08:22 AM
धन्यवाद सर
धन्यवाद सर
“कानै कानै आइ दिल कानै(किसानक बाढसँ दर्द )……” सत्य…. कटुसत्य कहबि अपन कविता क माध्यम सँ …. बहुते नीक….