अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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24 Feb 2022 08:15 PM
शुक्रिया जी
नाम: अक्षरा, आधुनिक संस्कारों से,के राजनीतिक गद्दारों से,आतंक के रखवालों से,धर्म को व्यापार समझने वालों हमें इन सभी चीजों से आजादी चाहिए,इस कविता में यही कहा गया है कि गलत कामों के चलते हमें कभी आजादी नहीं मिल पाएगी। आजादी चाहिए तो इन गलत कामों को रोकिए।