दुरुस्त फरमाया ! जिंदगी एक सराब है , मौत एक हक़ीक़त है , वक्त की बिसात पर इंसां की मोहरा बनी हस्ती है, , कभी खुशी , कभी गम की लहरें आनीं जानीं है , जिस्म तो मिट्टी है रुह तो ला-फ़ानी है , श़ुक्रिया !
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दुरुस्त फरमाया !
जिंदगी एक सराब है , मौत एक हक़ीक़त है ,
वक्त की बिसात पर इंसां की मोहरा बनी
हस्ती है, ,
कभी खुशी , कभी गम की लहरें आनीं जानीं है ,
जिस्म तो मिट्टी है रुह तो ला-फ़ानी है ,
श़ुक्रिया !