हार तो तय है, लेकिन हार के डर से घर पर नहीं बैठ सकते,हर हाल में लड़ना पड़ता है, अस्तित्व को बचाने के लिए यह आवश्यक भी है, फिर भी हार को सादगी से स्वीकार किया जाना सबसे उपयुक्त है। सादर प्रणाम रजक साहेब।
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हार तो तय है, लेकिन हार के डर से घर पर नहीं बैठ सकते,हर हाल में लड़ना पड़ता है, अस्तित्व को बचाने के लिए यह आवश्यक भी है, फिर भी हार को सादगी से स्वीकार किया जाना सबसे उपयुक्त है। सादर प्रणाम रजक साहेब।