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In reply to Jai krishan Uniyal
9 Jan 2022 08:16 PM

आपके विचार से मैं सहमत हूं कि व्यवस्था में दोष आने पर मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाना जनता का नैतिक दायित्व है। परंतु कभी कभी इस पक्ष के दूसरे पहलू में विकृत मानसिकता युक्त चरमपंथी व्यवस्था को कमजोर कर भंग करने का प्रयास कर अपने स्वार्थपरक कुत्सित मंत्वयों में सफल होना चाहते हैं। वर्तमान की राजनीति में यह परिलक्षित होता है, जिसमें विपक्ष सरकार के विरुद्ध जनता को विद्रोह हेतु प्रेरित कर अपने राजनैतिक लाभ प्राप्ति के लिए प्रयासरत है।
धन्यवाद !

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