Shyam Sundar Subramanian
Author
9 Jan 2022 07:33 PM
आपके विचार से मैं सहमत हूं। परंतु वर्तमान में कई तथाकथित विचारक उत्पन्न हो गए हैं जो किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा प्रसारित मूल विचारों को स्वयं के विचार के रूप में प्रचारित एवं प्रसारित कर अपने स्वयं को महान चिंतक बुद्धिजीवी प्रमाणित एवं स्थापित करके लोकप्रिय होने का प्रयास करते हैं। जबकि कई प्रबुद्ध चिंतक मूल विचारक लोकप्रियता के अभाव में भुला दिये गये हैं। मेरे कथन का यही तात्पर्य मैंने प्रस्तुत किया है।
धन्यवाद !
यह दर्शन का एक हिस्सा है, जिसमें हमारे अंदर जो भाव पनपता है हम उसे दूसरों के साथ साझा करते हैं, वह उससे सहमत हो या ना हो, लेकिन वह उसे हमारे द्वारा व्यक्त विचार ही स्थापित करेगा! ऐसा मेरी मंदबुद्धि मानती है! सादर अभिवादन सहित।