प्रशांत जी, राजनीति के निकृष्ट तम रुप को परिभाषित करते हुए आज के क्रू यथार्थ को दर्शाती आपकी रचना निश्चित ही प्रशंसनीय है!
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प्रणाम सर
प्रशांत जी, राजनीति के निकृष्ट तम रुप को परिभाषित करते हुए आज के क्रू यथार्थ को दर्शाती आपकी रचना निश्चित ही प्रशंसनीय है!