!! प्रेम !!
प्रेम हो तो ऐसा पवित्र हो,
जहाँ न वासनाकी भूख हो।
बस अतीन्द्रिय सुख हो,
उनसे बिछड़ने की पीर हो।।
नयनों में भरे लिये नीर हो,
तनसे कितनी भी दूरी लगे।
पर हृदय के वो! करीब हो,
प्रेम हो तो राधारानी जैसा।।
या मीरा दीवानी जैसा हो,
प्रेम हो तो ऐसा पवित्र हो।
!! प्रेम !!
प्रेम हो तो ऐसा पवित्र हो,
जहाँ न वासनाकी भूख हो।
बस अतीन्द्रिय सुख हो,
उनसे बिछड़ने की पीर हो।।
नयनों में भरे लिये नीर हो,
तनसे कितनी भी दूरी लगे।
पर हृदय के वो! करीब हो,
प्रेम हो तो राधारानी जैसा।।
या मीरा दीवानी जैसा हो,
प्रेम हो तो ऐसा पवित्र हो।