कुत्सित राजनीति के फलस्वरूप हमारे देश में सांप्रदायिक सद्भाव एवं
सहअस्तित्व की भावना में कमी आई है और धर्मांधता को बढ़ावा मिला है। किसी भी नागरिक को अपने धर्म का पालन करने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का संवैधानिक अधिकार है। किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
हमें कड़े शब्दों में इसकी भर्त्सना करना चाहिए। जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र का वातावरण बनाए रखा जा सके एवं इस प्रकार के राष्ट्र विरोधी तत्वों को उजागर किया जा सके।
धन्यवाद !
कुत्सित राजनीति के फलस्वरूप हमारे देश में सांप्रदायिक सद्भाव एवं
सहअस्तित्व की भावना में कमी आई है और धर्मांधता को बढ़ावा मिला है। किसी भी नागरिक को अपने धर्म का पालन करने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का संवैधानिक अधिकार है। किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
हमें कड़े शब्दों में इसकी भर्त्सना करना चाहिए। जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र का वातावरण बनाए रखा जा सके एवं इस प्रकार के राष्ट्र विरोधी तत्वों को उजागर किया जा सके।
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