Pakhi Jain
Author
21 Dec 2021 05:04 PM
धन्यवाद सर
धन्यवाद सर
आपकी लेखनी से उपजे पुष्प अत्यन्त सुगंधित है आदरणीय
वाह वाह शीश पर ओढ़नी लाज की
रंग लाल पाया ।
प्यार ,समर्पण का ओढ़ घूंघट
पति गेह पाया।
एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त