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21 vaan vote swikar karen aur meri rachna ko vote kar kritarth karen

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12 Nov 2018 04:50 PM

माँ, पुण्य का पुरौधा और पाप का शमन है,
हे माँ, तुम्हें हमारा, नमन है, नमन है. आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन ये पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं। , आदरणीय हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा। बहुत आभार।

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