धन्यवाद महोदया । पर बता दूंगा तो रचना की प्रासंगिकता ही ख़त्म हो जाएगी ! आप अनुमान कर सकते हैं। आपका हक़ है। हाॅं इतना ज़रूर कह सकता हूॅं कि यहाॅं प्रतियोगिता में बने रहना बहुत ही कठिन है। वैसे ब्रह्मास्त्र छोड़ने की जुगाड़ में तो सभी लगे रहते हैं। किसी-किसी का प्रभावी हो जाता है, किसी का नहीं !
धन्यवाद महोदया । पर बता दूंगा तो रचना की प्रासंगिकता ही ख़त्म हो जाएगी ! आप अनुमान कर सकते हैं। आपका हक़ है। हाॅं इतना ज़रूर कह सकता हूॅं कि यहाॅं प्रतियोगिता में बने रहना बहुत ही कठिन है। वैसे ब्रह्मास्त्र छोड़ने की जुगाड़ में तो सभी लगे रहते हैं। किसी-किसी का प्रभावी हो जाता है, किसी का नहीं !