Taj Mohammad
Author
30 Nov 2021 08:36 AM
बहुत खूब गुरु जी।
गैरों के ग़रेबाँ में झाँकते हैं ,अपने दामन के दाग़ों को छुपाकर , नासेह बन जाते हैं अपनी खुदी से बेखबर ,
श़ुक्रिया !