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ज़िंदगी भर भटकता रहा खुद के अंदर झांक कर ना देखा ,
वह तो तेरे अंदर बसता था जिसे अब तक तू पत्थर में तलाशता रहा ,

धन्यवाद !

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25 Nov 2021 09:22 AM

बहुत बहुत आभार आपका जी धन्यवाद सर जी आपको धन्यवाद आपका जी

आभार !

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