प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत आभार श्रीमानजी!
आपने अपनी पंक्तियों में यथार्तता को प्रस्तुत किया है। ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर लोग जानबूझकर अनजान बनते हैं, इसके नुकसानों से वाकिफ होते हुए भी इसे प्रयोग में लाते हैं। आप जैसे जागरूक और समझदार लोगों की हमारे समाज और देश को जरूरत है ताकि हम एक खुशनुमा आज और बेहतर कल का निर्माण कर सकें।
सादर धन्यवाद!
प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत आभार श्रीमानजी!
आपने अपनी पंक्तियों में यथार्तता को प्रस्तुत किया है। ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर लोग जानबूझकर अनजान बनते हैं, इसके नुकसानों से वाकिफ होते हुए भी इसे प्रयोग में लाते हैं। आप जैसे जागरूक और समझदार लोगों की हमारे समाज और देश को जरूरत है ताकि हम एक खुशनुमा आज और बेहतर कल का निर्माण कर सकें।
सादर धन्यवाद!