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जो होंठ सी भी लिए , जोअश्क पी भी लिए ,
तो ये सितम किस पे किए ,
कुछ आज अपनी सुनाओ और कुछ आज मेरी सुनो ,
खामोशियों से तो दिल और दिमाग जलते हैं ,
जो चुप रहे तो दिल के दाग जलते हैं ,

श़ुक्रिया !

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शुक्रिया

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