जी धन्यवाद, आदरणीय मुकेश जी हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन ये पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं। जब तुम्हारे गर्भ में था
तब भी स्वर्ग में था
जब तुम्हारी गोद में आया
संसार स्वर्ग हो गया
आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा। बहुत आभार।
जी धन्यवाद, आदरणीय मुकेश जी हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन ये पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं। जब तुम्हारे गर्भ में था
तब भी स्वर्ग में था
जब तुम्हारी गोद में आया
संसार स्वर्ग हो गया
आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार! विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा। बहुत आभार।