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27 Oct 2021 07:59 PM

आपने कमाल का लिखा….
जिसे हम पढ़ने को तैयार हुए !
हमने हर शब्द को ही समझा ,
तभी हम समीक्षा के हकदार हुए….
जो नहीं पढ़ सके भाव रचना के….
फिर… ऐसे कैसे ? वो समझदार हुए !!
जो भी हो, हम इस कविता की खूबसूरती के दीदार किए !! आपको शुक्रिया भी किए !!

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28 Oct 2021 10:56 AM

Very nice lines…
Thankyou sir.

28 Oct 2021 01:18 PM

You’re welcome. ??

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