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24 Oct 2021 08:33 PM

रावण को यहां राम नाम जपते देखा,
फिर भी कर्म से रावण को रावण ही पाया।
हर एक सीता की आंख में आंसू देखा,
फिर भी मैंने सीता को सीता ही पाया।
✨✨✨✨✨✨✨✨✨

आपने सुंदर शब्दों से अलंकृत रचना प्रस्तुत की है।

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धन्यवाद मैडम जी।
आपने भी बहुत अच्छा लिखा है…!!

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