बहुत सुंदर कविता,इन गरीबों की कौन सोचता है।कम से कम आपने इन बेसहारा लोगों की ओर ध्यान दिया। धन्यवाद आपका जी
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बहुत सुंदर कविता,इन गरीबों की कौन सोचता है।कम से कम आपने इन बेसहारा लोगों की ओर ध्यान दिया। धन्यवाद आपका जी