वाह… स्मृति जी ! बड़ी बेबाकी से अपनी बातें रखी है आपने ! पर्दे के पीछे जो भी हो वो आए सामने ! आप तनिक चिंता न करें… आपके साथ ही है ये सारे ज़माने ! एक सशक्त नारी हैं आप, स्वतंत्र हैं अपनी मर्ज़ी से जीने के ! धन्यवाद ! इसी तरह अपने अस्तित्व को चट्टान की भांति अडिग रखते हुए लिखते रहें… लेखनी से चमत्कार करते रहें ! बेईमान प्रवृत्ति के लोगों की
गंदी सोच का इलाज करते रहें…. शुभकामना….??
वाह… स्मृति जी ! बड़ी बेबाकी से अपनी बातें रखी है आपने ! पर्दे के पीछे जो भी हो वो आए सामने ! आप तनिक चिंता न करें… आपके साथ ही है ये सारे ज़माने ! एक सशक्त नारी हैं आप, स्वतंत्र हैं अपनी मर्ज़ी से जीने के ! धन्यवाद ! इसी तरह अपने अस्तित्व को चट्टान की भांति अडिग रखते हुए लिखते रहें… लेखनी से चमत्कार करते रहें ! बेईमान प्रवृत्ति के लोगों की
गंदी सोच का इलाज करते रहें…. शुभकामना….??