Smriti Singh
Author
22 Oct 2021 10:55 PM
दुखद है, पर हमारा यही सत्य है ?
सचमुच लोग ज़िंदा रहने का औचित्य सिद्ध नहीं कर पा रहे ! बस, यूॅं ही जिये जा रहे ! मासूमों को
बेवजह जीना मुहाल किये जा रहे !! सड़क पर ढेला नहीं तो और क्या…?? बहुत सुंदर विशेषण से नवाजा है ! लाज़वाब अभिव्यक्ति !! ??