Johnny Ahmed 'क़ैस'
Author
18 Oct 2021 10:22 AM
बेहतरीन महोदय।
बेहतरीन..sir
क्षितिज से आगे चलने का साहस,
इस अस्थायी जीवन जीने का साहस,
आप साथ हो, पग – पग हाथ हो
तो ये ‘प्रिये’ क्यूँ घबराए,,
सह तो लूँ इस ज़माने भर की दुश्वारियों को
जो आपका साथ हो तो ता-उम्र बात हो..