वीर कुमार जैन 'अकेला'
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17 Oct 2021 06:09 PM
शुक्रिया जनाब
मैं तुम्हारी सांसों के तार में , तुम्हारी धड़कन के ताल में , तुम्हारे ख्वाबों खयालों में , तुम्हारी चाहत के राग में , तुम्हारे रग-रग की खुशबू में , तुम्हारी हर जुस्तजू में, दिलो जाँ से बढ़कर रुह में बसता हूं , मुझसे जुदा कैसे रह सकोगे ? , मैं तो तुम्हारी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं , श़ुक्रिया !