Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
In reply to ज्योति
24 Sep 2021 12:32 PM

मिल के सूखे पत्तों को टहनियों से छाँट दें,
रिश्तों में बढ़ रही इन गहराइयों को पाट दें,
अपनों से दूर होकर हासिल भी क्या करेंगे
ऐसा ना हो कि जीवन तन्हाइयों में काट दें,,

Loading...