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सुंदर प्रेरणादायक कथा प्रस्तुति !
कथा के प्रारंभ में आपने मरण पंडित को मानो के पिता के रूप में प्रस्तुत किया है ।
परंतु कथा के अंतिम भाग में मरण पंडित को भोनू , सुरजीत एवं उनकी बहन मोनी(मोनू) के पिता बतलाया है।
जो एक विरोधाभास है। कृपया आवश्यक सुधार करें !
धन्यवाद !

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10 Sep 2024 07:35 AM

महाशय,
आपको कोटि कोटि धन्यवाद के साथ मैं स्वीकार करता हूं की मैने दीना पंडित के जगह मरण पंडित का नाम दे दिया था।अब us भूल का सुधार कर दिया गया है। यदि कोई आपका व्यक्तिगत लिंक हो तो भेजा जाए जिस पर परिमार्जित कहानी को भेज सकून।
पुन: एक बार फिर आभार।
आपका
मनोरथ महाराज।

भूल सुधार का धन्यवाद !
आप मुझे 9632096130 पर whatsapp कर सकते हैं।

10 Sep 2024 01:45 PM

Thank you so much.

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