इस इंसानी भीड़ में खुद की तलाश मे ; मैं गुमशुदा हो गया हूं , अपनी खुदी से बेखुद होकर ; अपने आप का साया हो गया हूं , पशेमाँ भटकता फिरता हूं ज़िंदगी की राहों में , सराब – ए- आप में खो सा गया हूं , श़ुक्रिया !
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इस इंसानी भीड़ में खुद की तलाश मे ; मैं गुमशुदा हो गया हूं ,
अपनी खुदी से बेखुद होकर ; अपने आप का साया हो गया हूं ,
पशेमाँ भटकता फिरता हूं ज़िंदगी की राहों में ,
सराब – ए- आप में खो सा गया हूं ,
श़ुक्रिया !