आपकी बातों से हम पूर्ण सहमत हैं क्योंकि संस्कृत के श्रेष्ठ नाटककार भवभूति जी द्वारा लिखित नाटक “उत्तररामचरितम” के ‘द्वितीय अंक’ में शम्बूक को जीवंत रूप में दिखाया गया है। रामचन्द्र जी ने शम्बूक की हत्या नही की थी बल्कि रामायण में शम्बूक , श्री राम के सहयोगी पात्र थे।
आपकी बातों से हम पूर्ण सहमत हैं क्योंकि संस्कृत के श्रेष्ठ नाटककार भवभूति जी द्वारा लिखित नाटक “उत्तररामचरितम” के ‘द्वितीय अंक’ में शम्बूक को जीवंत रूप में दिखाया गया है। रामचन्द्र जी ने शम्बूक की हत्या नही की थी बल्कि रामायण में शम्बूक , श्री राम के सहयोगी पात्र थे।