सिद्धार्थ गोरखपुरी
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7 Sep 2021 08:04 PM
सादर धन्यवाद आदरणीय
तेरी यादों को भुलाऊँ तो तो भुलाऊँ कैसे।
जो दिल में जो ए़हसास है उसे निकालूँ तो निकालूँ कैसे।
अब तो मुझे इंतजार करना है फ़ना होने का।
तब कुछ इंतज़ाम हो तेरी यादों से जुदा होने का।
श़ुक्रिया !