Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2021 08:11 PM

ऐसी ज़िद तो कभी कभार ही पूरी होती है।
जिसमें छुपी हर पक्ष की मजबूरी होती है।।
पर ज़िंदगी में ऐसी कशमकश तो चलती रहती है। और उसी के बीचों-बीच कोई रास्ता भी निकलती रहती है। पर ऐसी हठ सदैव अच्छी नहीं होती है। सही कर्म से ही प्राप्त फल सदैव मीठी होती है।‌।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
1 Feb 2022 03:05 PM

Thanks

Loading...