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सादर अभिवादन! बहुत ही सुन्दर रचना है, वास्तव में मेहनतकश मजदूर और एक किसान अपना जीवन दूसरों को अर्पण कर देता है, अपने लिए कुछ नही कर पाता। उसके लिए वही दिन वही रात है।

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4 Sep 2021 05:01 PM

धन्यवाद जी आपका।शुभ संध्या।।

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