एक अलग ‘दर्शन’ स्थापन का कवयित्री का प्रयास ! काबिले तारीफ़ ! सच है कि जो सत्कर्म करते हुए, सन्मार्ग पर चलते हुए, सदाचार का परिचय देते हुए, अपनी हर जवाबदेही ईमानदारी पूर्वक निभाने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है वह हर इंसान ही कृष्ण के समकक्ष है ! पर गलत कार्य को अंज़ाम देनेवाला कोई भी शख़्स ऐसा दर्जा पाने का हकदार कदापि नहीं हो सकता !
सुंदर सोच, सुंदर अभिव्यक्ति के साथ लाज़वाब प्रस्तुति ! ??
एक अलग ‘दर्शन’ स्थापन का कवयित्री का प्रयास ! काबिले तारीफ़ ! सच है कि जो सत्कर्म करते हुए, सन्मार्ग पर चलते हुए, सदाचार का परिचय देते हुए, अपनी हर जवाबदेही ईमानदारी पूर्वक निभाने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है वह हर इंसान ही कृष्ण के समकक्ष है ! पर गलत कार्य को अंज़ाम देनेवाला कोई भी शख़्स ऐसा दर्जा पाने का हकदार कदापि नहीं हो सकता !
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