बहुत जल्दी निर्णय कर लेते हो मानसिक रोगी के सम्बंध में…किसी डॉक्टर से मशविरा करो जनाब…ऐसे जल्दबाजी के लक्षण उचित नही…
गलत संविधान नही है…गलत है ऊपर से नीचे तक की सीरीज…जो संविधान का हवाला तब देती है जब उनके मतलब की बात हो…आपने 4 उदाहरण दिए मैं 40 दे सकता हु जहां संविधान कुछ नही उखाड़ पाया…क्यों कि कुछ निकम्मे उनकी दीवार बनकर खड़े हो गए…
कितने दोगले किस्म के लोग होते है दुनिया मे…अगर फांसी मिली तो संविधान ने दिलवाई ओर अगर बलात्कारी खुला घूम रहा है तो उसका जिम्मेदार संविधान चलाने वाला या कृष्ण है…
मैं भी आपकी ही तरह उसी समाज से हु जिस समाज से आप हो…लेकिन आपमे ओर मुझमे आधारभूत फर्क है…जो आपकी भाषा से ही प्रतीत हो जाता है…
बहुत जल्दी निर्णय कर लेते हो मानसिक रोगी के सम्बंध में…किसी डॉक्टर से मशविरा करो जनाब…ऐसे जल्दबाजी के लक्षण उचित नही…
गलत संविधान नही है…गलत है ऊपर से नीचे तक की सीरीज…जो संविधान का हवाला तब देती है जब उनके मतलब की बात हो…आपने 4 उदाहरण दिए मैं 40 दे सकता हु जहां संविधान कुछ नही उखाड़ पाया…क्यों कि कुछ निकम्मे उनकी दीवार बनकर खड़े हो गए…
कितने दोगले किस्म के लोग होते है दुनिया मे…अगर फांसी मिली तो संविधान ने दिलवाई ओर अगर बलात्कारी खुला घूम रहा है तो उसका जिम्मेदार संविधान चलाने वाला या कृष्ण है…
मैं भी आपकी ही तरह उसी समाज से हु जिस समाज से आप हो…लेकिन आपमे ओर मुझमे आधारभूत फर्क है…जो आपकी भाषा से ही प्रतीत हो जाता है…
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