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29 Aug 2021 01:01 PM

खूबसूरत भी, हृदय स्पर्शी भी,
उचित शब्द संयोजन भी की !
प्राची पर जब छा ही गया रवि ,
तो बन ही गई लाज़वाब प्रस्तुति !!
मुझे तो यह रचनाा है बहुत ही भायी,
स्वर्णिम घटा है ये चहुॅंओर से लाई !
क्या चित्रण की है प्राकृतिक सौंदर्य की !
सचमुच, यह रचना बन चुकी है ग़ज़ब की !!
वैसे तो हूॅं मैं इस साहित्यिक पटल का सदस्य भी ! पर आपके लिए तो हूॅं अभी भी इक अजनबी !!
बहुत शुभकामनाएं आपको “गोदाम्बरी नेगी जी” !! ???

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29 Aug 2021 02:09 PM

बहुत बहुत आभार महोदय ??आप तो कविता पर कमेंट में ही काव्य सृजन कर देते हैं.. वाह जी क्या कविता बन पड़ी?

29 Aug 2021 02:47 PM

मनोबल बढ़ाने हेतु बहुत शुक्रिया ! ?

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