श्रीमान, ज़िंदगी की उम्मीदे भी दोनों के मिलकर साथ आगे बढ़ने से पूरी होंगी। हिंसा, द्वेष को छोड़कर मानवता और सद्भावना का दृष्टिकोण ही आने वाले भविष्य की सुखमय कल्पनाएँ दे सकेगा । ?
श्रीमान,
ज़िंदगी की उम्मीदे भी दोनों के मिलकर साथ आगे बढ़ने से पूरी होंगी। हिंसा, द्वेष को छोड़कर मानवता और सद्भावना का दृष्टिकोण ही आने वाले भविष्य की सुखमय कल्पनाएँ दे सकेगा । ?