आपने अपने ससुराल में बिताए गए आरंभ से अभी तक के हरेक पल सहित खुद पे बीती आपबीती को शब्द शब्द में पिरोकर अपनी दास्तान को खूबसूरती से रचना में प्रकट किया है। सिर्फ़ शब्द कुछ इधर उधर भाग रहे हैं पर फिर भी हर भाव स्पष्ट और सहज रूप में परिलक्षित हो रहे हैं। जो रचना को बेहद खूबसूरत स्वरूप प्रदान करते हैं। शानदार प्रस्तुति ! ??
आपने अपने ससुराल में बिताए गए आरंभ से अभी तक के हरेक पल सहित खुद पे बीती आपबीती को शब्द शब्द में पिरोकर अपनी दास्तान को खूबसूरती से रचना में प्रकट किया है। सिर्फ़ शब्द कुछ इधर उधर भाग रहे हैं पर फिर भी हर भाव स्पष्ट और सहज रूप में परिलक्षित हो रहे हैं। जो रचना को बेहद खूबसूरत स्वरूप प्रदान करते हैं। शानदार प्रस्तुति ! ??