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9 Aug 2021 07:55 PM

वाह, बेहतरीन भाव के साथ रचित बेहद खूबसूरत प्रस्तुति, आ० ऊषा जी ! उम्र अपनी जगह है, खुशियाॅं अपनी जगह ! ख़्वाबों को दिल में सजने दें ! उम्र उसमें बाधक ना बने ! पर्याप्त चीजें मौजूद हैं ख़्वाबों के सजने को ! बस उसमें परत धूल के ना पड़ने दें !!

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10 Aug 2021 05:04 PM

जी आदरणीय बहुत ही खूब फरमाया आपने… आभार आपका ?

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