बेटियां कुछ कर नहीं सकती जब उठते है ये सवाल।। दिल के सौ टुकड़े होते मन तार तार ।। न जाने क्यूं लगाता है समाज ऎसी आग ।।
बेटियां कुछ कर नहीं सकती जब उठते है ये सवाल।। दिल के सौ टुकड़े होते मन तार तार ।। न जाने क्यूं लगाता है समाज ऎसी आग ।।