कविराज प्रांजल
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11 Aug 2021 03:41 PM
Ok and sukriya ?
तुम मुझे भी दिला दो एक ऐसी रेल !
जो भागे सरपट, पटरी पे करे खेल !!
बिना ब्रेक के तेज रफ़्तार से चलती जाए !
कुछ ही समय में सबको ये घर पहुंचाए !!
तेरी बनाई ये रेलगाड़ी मेरे मन को भाए !!!