वाह, मेरी तरफ से दो पंक्तियां.. उसने संभाल के रखा था अमानत जैसे मेरे हिस्से का था जो मेरा होता जा रहा है
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वाह, मेरी तरफ से दो पंक्तियां..
उसने संभाल के रखा था अमानत जैसे
मेरे हिस्से का था जो मेरा होता जा रहा है