बहुत उम्दा आदरणीय … भरोसा करता नहीं ख़ुद का भरोसा… कर पाएगा भला किसका भरोसा..। …बेहतरीन रचना श्रीमान..
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बहुत उम्दा आदरणीय …
भरोसा
करता नहीं
ख़ुद का भरोसा…
कर पाएगा
भला किसका
भरोसा..।
…बेहतरीन रचना श्रीमान..