“मैं “या “हम ” का प्रयोग परिस्थिति पर निर्भर करता है। जहां तक मेरा मानना है कि विषयवस्तु के परिपेक्ष में इनका उपयोग आधारित रहता है। “मैं ” एक प्रकार से अहंकार का द्योतक हो सकता है। परंतु दूसरी तरफ यह आत्मविश्वास एवं दृढ़ संकल्प का सूचक भी हो सकता है।
इसी प्रकार “हम” संयुक्त भावना सहकार एवं सहयोग का सूचक है । परंतु व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति अथवा राजनैतिक लाभ के लिए “हम ” का प्रयोग आजकल आम हो चला है । अतः यह हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि हम इन शब्दों का प्रयोग किन किन परिस्थितियों एवं किस भावना से करते हैं ।
अतः इन शब्दों का प्रभाव एवं गुणवत्ता इनके व्यावहारिक उपयोग पर निर्भर करती है।
धन्यवाद !
“मैं “या “हम ” का प्रयोग परिस्थिति पर निर्भर करता है। जहां तक मेरा मानना है कि विषयवस्तु के परिपेक्ष में इनका उपयोग आधारित रहता है। “मैं ” एक प्रकार से अहंकार का द्योतक हो सकता है। परंतु दूसरी तरफ यह आत्मविश्वास एवं दृढ़ संकल्प का सूचक भी हो सकता है।
इसी प्रकार “हम” संयुक्त भावना सहकार एवं सहयोग का सूचक है । परंतु व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति अथवा राजनैतिक लाभ के लिए “हम ” का प्रयोग आजकल आम हो चला है । अतः यह हमारे दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि हम इन शब्दों का प्रयोग किन किन परिस्थितियों एवं किस भावना से करते हैं ।
अतः इन शब्दों का प्रभाव एवं गुणवत्ता इनके व्यावहारिक उपयोग पर निर्भर करती है।
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