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In reply to Kuldeep Kaur
12 Nov 2018 11:03 AM

जी धन्यवाद, आदरणीय कुलदीप जी बहुत आभार! वोटिंग प्रतिशत में सतत आगे बढ़ते हुए भी आपने एक छोटे-से शहर के शौकिया लेखक का ध्यान रखा और वोट किया, हम अभिभूत हैं आपकी सहृदयता का। आपकी रचना यूं तो पूरी ही सुंदर एवं पठनीय है लेकिन अंतिम पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं। विश्वास है प्रतियोगिता से हटकर भी आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमें निरंतर मिलता रहेगा।
ख्वाबोँ में आ कर मेरे माँए
तुम आँसू पोंछ जाती होए
मेरे आँसू पोंछ जाती होस
आपकी भावाव्यक्ति को अच्छा प्रोत्साहन मिल रहा है ये देखकर प्रसन्नता हुई। हम अभी नये-नये एक्टिव हुए हैं और आपके सहयोग हमारे मन को हर्षित करने वाला है। बहुत आभार।

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